योग से मेरा जीवन परिवर्तन (Yoga transformed my life )
योग से मेरा जीवन परिवर्तन (Yoga transformed my life)
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Yoga for healthy life |
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शायद आपने अपने शरीर में बेहतर परिवर्तन महसूस किया हो या शायद आपने अपने जीवन, रिश्तों और दृष्टिकोण में अधिक गहरा परिवर्तन अनुभव किया हो ।क्योंकि ये बदलाव अक्सर समय के साथ होते हैं, एक सूक्ष्म प्रक्रिया के हिस्से के रूप में; कभी-कभी यह सटीक रूप से बता पाना मुश्किल हो सकता है कि योग के बारे में वह क्या चीज़ है जो आपको बेहतर जीवन जीने में मदद करता है।
यह सोचना कि योग आपको उस व्यक्ति से बेहतर रूप में बदल देता है जो आप पहले थे, एक गलत धारणा है। यह कहना अधिक सटीक होगा कि योग आपको उन बाधाओं को दूर करने में मदद करता है जो कि यह जानने से रोकते हैं कि आप वास्तव में कौन हैं, इससे आपको अपने वास्तविक स्वरूप की पूर्ण अभिव्यक्ति में मदद मिलती है। योग के अभ्यास से हम वैसे नहीं बनते जैसा की हम चाहते हैं बल्कि हम उसी चीज़ में बदलते हैं , जो हम वास्तव में हैं :हमारा सबसे अच्छा स्वरुप |
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विकास चौधरी (24) |
तो आज की पोस्ट में हम एक ऐसे व्यक्ति के रियल लाइफ एक्सपीरियंस के बारे में पढ़ेंगे जिन्होंने योग को अपने जीवन में नियमित रूप से अपनाया और उनकी जिंदगी पर इसके बहुत से सकारात्मक प्रभाव पड़े |
उस शख्स का नाम है विकास चौधरी , जिनका फोटो आप यहां देख पा रहे हैं |
विकास ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय , शालीमार बाग , दिल्ली से पूरी की | इसके बाद उन्होंने LNIPE ग्वालियर, भारत (दक्षिण एशिया) से शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। जहाँ उन्होंने योग विषयों और खेल मनोविज्ञान में विशेषज्ञता(Specialisation) हासिल की है| और इस समय वह शारीरिक शिक्षा और खेल मनोविज्ञान में पीएचडी कर रहे हैं |
इसके आलावा उनके जीवन की खास उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
- एस जी एफ आइ स्वर्ण पदक (SGFI Gold Medalist)
- 4 बार यूनिवर्सिटी पार्टिसिपेशन
- 2 बार सीनियर नेशनल
- 3 बार जूनियर नेशनल
- पंजीकृत राष्ट्रीय योग रेफरी (Registered National Yoga Referee)
- अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मेलनों और संगोष्ठी में शोध प्रकाशन
योग से जुड़े विकास चौधरी के निजी अनुभव
विकास चौधरी ने योग को अपने जीवन का हिस्सा तब बनाया जब वे कक्षा पांचवी में पढ़ते थे | आज उन्हें योग करते हुए करीब- करीब चौदह (14) वर्ष हो चुके हैं | इस दौरान वे निरंतर रूप से योग से जुड़े रहे हैं | योग से मिले अनुभवों के बारे में वह कहते हैं :
- योग का ऐतिहासिक महत्व : योग हम भारतीयों को विरासत में मिली है , जिसे आज पूरा विश्व पहचान रहा है और अपना भी रहा है | ऐसा माना जाता है कि जब से सभ्यता शुरू हुई है तभी से योग किया जा रहा है। योग के विज्ञान की उत्पत्ति हजारों साल पहले हुई थी, धर्मों या आस्था के जन्म लेने से काफी पहले हुई थी। योग विद्या में शिव को पहले योगी या आदि योगी तथा पहले गुरू या आदि गुरू के रूप में माना जाता है।महर्षि पतंजलि ने योगसूत्र में योग के पाथ का वर्णन किया है जिससे आज की जनरेशन को बहुत से फायदे हुए हैं |
- सभी के अनुभव समान नहीं होते : एक व्यक्ति विशेष योग को अपने जीवन में अपनाकर जो अनुभव प्राप्त करता है उसका अनुभव किसी अन्य व्यक्ति के अनुभवों से अलग होता है | दो अलग - अलग व्यक्तियों के अनुभव कभी सामान नहीं होंगे, उनके बीच कुछ न कुछ अंतर अवश्य होगा | उनका मानना है कि वे अपने अनुभवों को दूसरों के साथ साझा अवश्य कर सकते हैं | परन्तु ये कहना कि यदि आप योग का अभ्यास करते हैं तो आपको भी वही अनुभव प्राप्त होंगे जो मुझे मिले हैं , यह पूर्णतः सही नहीं होगा |हमारे अनुभवों में अंतर का कारण हमारी जीवनशैली (लाइफ स्टाइल) या योग को अपनाने के उद्देश्य में असमानताएँ हो सकती हैं |
- योग को अपनाने का उद्देश्य : प्रत्येक व्यक्ति का योगाभ्यास करने उद्देश्य अलग-अलग होता है | कोई योग को खेल की तरह अपनाता है , कोई इसे स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए अपनाता है तो कोई बीमारियों के निवारण के लिए अपनाता है , तो किसी का उद्देश्य फिटनेस सम्बन्धी होता है | उद्देश्य कुछ भी हो परन्तु यदि आप योग को अपनाते हैं तो इसके सकारात्मक प्रभाव ही मिलेंगे | विकास ने योग को प्रारंभिक दौर में खेल की तरह अपनाया था , परन्तु इतने सालों के लगातार योगाभ्यास ने योग की तरफ उनके दृष्टिकोण को बदल दिया है |
- योग किसी धर्म विशेष से सम्बन्ध नहीं रखता : वह कहते हैं ,अधिकतर लोगों की यह धारणा है कि योग हिन्दू धर्म का हिस्सा है | परंतु ऐसा नहीं है , योग सर्वस्व है | योग किसी धर्म विशेष का हिस्सा नहीं है , योग की उत्पत्ति तो हज़ारों साल पहले धर्म की स्थापना से पहले ही हो चुकी थी | हालाँकि , योग का व्याख्यान हिन्दू पुराणों एवं वेदों में विस्तार से किया गया है परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है की योग केवल हिन्दू धर्म से सम्बन्ध रखता है | हर धर्म , जाति , वर्ग के मनुष्य योगाभ्यास करते हैं |
- योग से खत्म होती है मनुष्य के अन्दर की नकारात्मकता : योगाभ्यास से उन्होंने जीवन से नकारात्मकता को दूर भगाया है | वो योग जो शरीर के भीतर प्रवेश करके मन और आत्मा का स्पर्श करता है वो आसनों से कहीं अधिक है। उसमें यम और नियम का पालन, प्राणायाम के द्वारा सांसों यानी जीवन शक्ति पर नियंत्रण, बाहरी वस्तुओं के प्रति त्याग, धारण यानी एकाग्रता, ध्यान अर्थात चिंतन और अन्त में समाधि द्वारा योग से मोक्ष प्राप्ति तक के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो देश सदियों से योग विद्या का साक्षी रहा है उस देश के अधिकांश युवा आज आधुनिक जीवन शैली और खान पान की खराब आदतों के कारण कम उम्र में ही मधुमेह और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का शिकार है। लेकिन अच्छी बात यह है कि योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करके, अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाके, न सिर्फ इन बीमारियों से जीता जा सकता है। बल्कि स्वयं को शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में स्वस्थ रखा जा सकता है।
- स्वयं का ज्ञान : विकास ने योग को एक खिलाड़ी की तरह अपनाया था परन्तु आज जब वह योग के बारे में सोचते हैं तो उन्हें एहसाह है कि योग एक खेल/ एक्सरसाइज से कहीं अधिक है | योग के माध्यम से वे खुद को जान पाएँ हैं | उन्होंने स्वयं के महत्व को जाना है , और यही सबसे उत्तम है |यदि हम आसन , प्राणायाम और ध्यान (मैडिटेशन) पर विशेष ध्यान दे और निरंतर अभ्यास करें तो निश्चय ही स्वयं को जान पाएँगे |
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- योग हमारे जीवन की बाधाओं से हमें दूर रखता है : विकास का मानना है कि योग दो चीज़ों पर काम करता है , पहला अभ्यास -यानि प्रैक्टिस; आप जितना ज्यादा योगाभ्यास करेंगे उतना ही खुद को और योग को जान पाएंगे | दूसरा वैराग्य - अर्थात detachment, जितना हम अभ्यास करते हैं उतना ही सांसारिक बंधनो से दूर होते हैं |वो सभी चीज़ें जो हमे अपने आप से प्यार करने से रोकती हैं उन सभी बाधाओं को पार करने में योग हमारी मदद करता है और हमें मोक्ष की प्राप्ति हो पाती है |
ऐसी ही बहुत सी बातें हैं जो विकास ने इतनी कम उम्र में अनुभव की हैं | उन सभी बातों को यहाँ लिख पाना संभव नहीं है | परन्तु आने वाले समय में , मैं आपके साथ ऐसे ही एक्सपेरिएंसेस साझा करती रहूँगी | यदि विकास इतनी कम उम्र में योग द्वारा अपने जीवन को पूरी तरह से परिवर्तित सकते हैं तो आप क्यों नहीं ?
विकास चौधरी को इंस्टाग्राम पर फॉलो करने के लिए उनके प्रोफाइल पर जाएँ - @choudhary_yogfit_expo
@vikaschoudhary234
आपको यह पोस्ट कैसा लगा ? अपनी राय हमें ज़रूर बताएं |
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Inspirational
ReplyDeleteRoshan
DeleteHi bhai
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